मै.......एक स्वेतपत्र हूँ ✍




कठोर हो रहे शब्द मेरे,
शायद!!!! खुद से ही त्रस्त हूँ

विरह की तपन नही, एक तृप्त रूह हूँ
मोह व भावनाओं से परे, एक विरक्त देह हूँ

छल,कपट, द्वेष का स्थान ही नही,
सांसारिक बन्धनों से रिक्त, एक स्वेत पत्र हूँ

कर्तव्य से विमुख नही,
सम्बन्धों की विवशता से मुक्त हूँ

सुख व दुख कोई मायने ही नही,
' मै ' को त्यागकर, वैराग्य की दिशा में प्रसस्त हूँ

पथ की शूल सी चुभन स्वीकार करते हुए
खुद में ही खोई कहीं, एक गुमराह शक्ति हूँ

कठोर हो रहे शब्द मेरे,
शायद!!!! खुद से ही त्रस्त हूँ........✍✍✍✍

#सुनिधि

रानी लक्ष्मीबाई जन्मदिवस



मणिकर्णिका नाम जिनका,
वीरांगना महान

भारत माँ की बेटी वो,
निर्भय और बलशाली थी

सन सत्तावन में वो रानी ,
दुश्मन को ललकार थी

झाँसी की वो रानी,
भारत की जान थी

वीरता से अपार,
अचूक जिसका हर एक वार,

ऐसी वीरांगना को,
प्रणाम शत शत बार

#सुनिधि

❤❤❤मोहब्बत ❤❤❤



एक सन्यासी से मोहब्बत का गुनाह कर बैठी,
हर पल जिंदगी का उनके नाम कर बैठी।।

रहते है दूर बो मुझसे इस कदर,
जैसे मोहब्बत नही, कोई गुनाह कर बैठी हूँ।।

सिर्फ, इस जन्म ही नही,
सात जन्मों का रिश्ता बन गया है उस काफिर से....

जिंदगी की हर एक साँस उनके नाम कर बैठी हूँ।।
करते है वो इनकार अपने दिल की हर बात बताने से,

शायद !!!!!!! उनके दिल मे कहीं जगह मैं बना बैठी हूँ।।

सुख और दुख, हर पल की बनना है परछाई मुझको,
हर बुरे साये से उनको बचाने का प्रण ले बैठी हूँ

#सुनिधि

काश!!!




दो क़दम साथ चलते,
मेरे तुम
चंद लम्हो को ही सही,
मेरे हो जाते तुम,
कितनी आरज़ू थी हमे,
एक होने की,
काश! इस तड़प को 
समझ पाते तुम
जिंदगी तू है मेरी,
हर एक लम्हा गुजरता
है तेरी यादों में,
काश! ये कभी महसूस
कर पाते तुम........

#सुनिधि

बाल दिवस



बचपन जिनका जकड़ रखा है,
शोषण की जंजीरों में

वो बेचारे क्या जानेंगे,
बाल दिवस के बारे में

गिनती जिनकी होती है अब
तो बाल मजदूरों में

शिकन बनी रहती चेहरे पर,
उम्र खिलौने वाली मे

क्या कोई जाने बचपन को,
ऐसी बेदर्द बदहाली में

क्या हो पाएगा उजियारा,
उन मासूमो की टोली में
#सुनिधि

बचपना नही गया......


बचपन गुजर गया.
मगर
बचपना नही गया.....

मासूस सी हँसी के साथ,
खिलखिलाना नही गया.....

राहें थी कठिनाई भरी,
तमाम मोड़ से गुजरी जिंदगी

फिर भी दिल का,
दिल से
गुनगुनाना नही गया.....

सुख और दुख के लम्हों को जीते गए
फिर भी आजतक शैतानियाँ करना नही गया

बचपन गुजर गया
मगर
बचपना नही गया....

दिल का दिल से गुनगुनाना नही गया..........
#सुनिधि

नजर आया.......






शहर की धूल में हर कोई धूमिल ही नजर आया,
देखा खुद को तो......
आईने में धुँधला सा एक अक्स नजर आया।।

अपने वजूद को खोकर दुनिया को हँसाने में,
खुद की पहचान को ही कहीं मिटता हुआ पाया । ।

जो उठाते रहे ताउम्र उँगलियाँ बेकसूर पर,
वही शख्स रोशनी में गुनहगार नजर आया।।

कभी सोचते है हम भी तन्हाइयों में अक्सर,
क्या हमने खो दिया, और क्या हमने पाया।l

पर्दा जो हटाना चाहा मतलबी रिश्तों के चेहरे से ,
फ़रेबी दुनियाँ का मंजर बे-नूर नजर आया।।

#सुनिधि ✍

शिकवा



कैद कर दिए जज्बात सभी हमने,
क्यों उन्हें फिर से जगाया तुमने,

खत्म कर दी थी ख्वाहिश सभी,
क्यों फिर नया ख्वाब दिखाया तुमने,

काँच की तरह टूट कर बिखर गए थे हम,
फिरसे टुकड़ो को जोड़कर क्यों तोड़ा तुमने,

दिल बन गया था पत्थर हमारा भी जब,
तो क्यों फिर से मोम बनाया तुमने,

खत्म कर देंगे ये  जिंदगी जो जहर बन गयी है,
जी लेंगे तुम्हारे शिवा ये क्यों सोचा तुमने,

मेरी मोहब्बत का मजाक इस कदर बनाकर,
तुमको क्या लगा है मेरा दिल दुखाया तुमने,

मोहब्बत की मेरे  इन्हां तो देख,
सह गए हर इल्जाम जो लगाया तुमने

#सुनिधि

आजमाइश




बहुत आज़मा लिया है उसने हमको,
अब ये दिल उनको आज़माना चाहता 

चंद रोज का जो उनसे रिश्ता है,
उसे अब मुकम्मल बनाना चाहता है।।

फ़रेब है तो बहुत हो चुका,
अब सच्चाई को सामने लाना चाहता है।।

हर हद पार करके जिसने ज़ुल्म किए,
अब उसी क़ातिल का वार आज़माना चाहता है।।

झूठ का नक़ाब बहुत ओढ़ रखा है जिसने,
बेपर्दा उसको अब करना चाहता है।।

किसी की होड़ नही करना मकसद नही,
बस सच्चाई को सामने लाना चाहता है।।

#सुनिधि

मेरी कहानी




इन वीरानियों की आदत,
पहले तो न थी
चाहत से इस कदर नफरत,
हमको भी न थी ।।

धोखा, फ़रेब, बस आँसूँ
इतनी सी ही सच्चाई है,
जमाने मे इश्क़ की कीमत,
सिर्फ बेबफाई है।।

हमें भी मायूसियों की,
 तलब यूँ न थी,
किसी अपने से नफरत,
इस कदर न थी।।

छूट गए वो अपने, जो पराए थे
चेहरों के नकाब को समझने की आदत न थी।।
हर पल छला, हर कदम पर सबने,
फिर भी फ़ितरत में मेरी बेबफाई न थी।।

जिनको जितनी इज्जत दी,
उसने उतनी ही रुशवाई दी,
मेरी सिसकियों की आवाज,
बस तन्हाइयों में सुनाई दी।।

नाज़ था कि मेरे साथ मेरी परछाइयाँ थी,
पीछे मुड़ के मगर देखा, सिर्फ गुमनामियाँ थी
वक़्त, बेवक्त छोड़ते गए साथ सब,
बस आँसुओं में लिपटी इतनी सी मेरी कहानी थी.......

#सुनिधि

बेवफा बनकर दिखाया है...........




कुछ इस कदर हमने मोहब्बत को निभाया है,
दिल मे दर्द सहकर भी हर पल मुस्कुराया है।।

आपकी गलतफहमी है कि आपने मुझे ठुकराया है,
सिर्फ आपकी खुशी की खातिर मैंने दिल अपना दुखाया है।।

गम तो है ही नही किसी बात का अब मुझको,
जो भी चाहा वो साबित करके दिखाया है।।

करते है यहाँ सभी मोहब्बत में खुद को आबाद,
बदनाम आपके इश्क़ में खुद को, हमने करके दिखाया है।।

मेरी चाहत न कल समझ पाए थे न अब कभी समझोगे आप,
आपसे रिश्ता तोड़ा नही है, खुद आप से ही तुड़वाया है।।

हासिल करूँ आपको ये कभी ख्वाहिश ही न थी मुझको,
आपसे रिश्ता जिस्म का नही, मैंने रूह का बनाया है।।

जिन तकलीफों के साये से बचाकर आपको रखना था,
आज उस मोड़ पर खुद को ही हमने ले आया है।।

बदनामी के साये से बचाने के लिए आपको ,
हमने खुद ही बेवफा बनकर के दिखाया है.......

#सुनिधि

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