बाल दिवस



बचपन जिनका जकड़ रखा है,
शोषण की जंजीरों में

वो बेचारे क्या जानेंगे,
बाल दिवस के बारे में

गिनती जिनकी होती है अब
तो बाल मजदूरों में

शिकन बनी रहती चेहरे पर,
उम्र खिलौने वाली मे

क्या कोई जाने बचपन को,
ऐसी बेदर्द बदहाली में

क्या हो पाएगा उजियारा,
उन मासूमो की टोली में
#सुनिधि

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