बहुत आज़मा लिया है उसने हमको,
अब ये दिल उनको आज़माना चाहता
अब ये दिल उनको आज़माना चाहता
चंद रोज का जो उनसे रिश्ता है,
उसे अब मुकम्मल बनाना चाहता है।।
उसे अब मुकम्मल बनाना चाहता है।।
फ़रेब है तो बहुत हो चुका,
अब सच्चाई को सामने लाना चाहता है।।
अब सच्चाई को सामने लाना चाहता है।।
हर हद पार करके जिसने ज़ुल्म किए,
अब उसी क़ातिल का वार आज़माना चाहता है।।
अब उसी क़ातिल का वार आज़माना चाहता है।।
झूठ का नक़ाब बहुत ओढ़ रखा है जिसने,
बेपर्दा उसको अब करना चाहता है।।
बेपर्दा उसको अब करना चाहता है।।
किसी की होड़ नही करना मकसद नही,
बस सच्चाई को सामने लाना चाहता है।।
बस सच्चाई को सामने लाना चाहता है।।
#सुनिधि
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