कैद कर दिए जज्बात सभी हमने,
क्यों उन्हें फिर से जगाया तुमने,
क्यों उन्हें फिर से जगाया तुमने,
खत्म कर दी थी ख्वाहिश सभी,
क्यों फिर नया ख्वाब दिखाया तुमने,
क्यों फिर नया ख्वाब दिखाया तुमने,
काँच की तरह टूट कर बिखर गए थे हम,
फिरसे टुकड़ो को जोड़कर क्यों तोड़ा तुमने,
फिरसे टुकड़ो को जोड़कर क्यों तोड़ा तुमने,
दिल बन गया था पत्थर हमारा भी जब,
तो क्यों फिर से मोम बनाया तुमने,
तो क्यों फिर से मोम बनाया तुमने,
खत्म कर देंगे ये जिंदगी जो जहर बन गयी है,
जी लेंगे तुम्हारे शिवा ये क्यों सोचा तुमने,
जी लेंगे तुम्हारे शिवा ये क्यों सोचा तुमने,
मेरी मोहब्बत का मजाक इस कदर बनाकर,
तुमको क्या लगा है मेरा दिल दुखाया तुमने,
तुमको क्या लगा है मेरा दिल दुखाया तुमने,
मोहब्बत की मेरे इन्हां तो देख,
सह गए हर इल्जाम जो लगाया तुमने
सह गए हर इल्जाम जो लगाया तुमने
#सुनिधि
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