#स्वतंत्रता_दिवस


स्वतंत्रता मिले कई साल गुजर गए,
इसकी आजादी को कई लाल गुजर गए

नजर आती ही नही स्त्रियों की अब भी स्वतंत्रता,
उनके तो अब भी  पर्दे में साल के साल गुजर गए,

क़ैद है अब भी चाहरदीवारी में जानवरों की तरह,
कैसे कह दें हम कि जमाने के ख्यालात बदल गए,

आतंकवाद और भ्रष्टाचार के पंजे में है देश अब तलक,
फिर भी कहते है नेता सब कि देश के हालात बदल गए

व्याप्त है हर कदम पर पहले सी ही सब बुराइयाँ,
अच्छे दिनों की आस में साल दर साल बदल गए

जश्न ए आजादी में डूब जाते है साल में दो बार जरूर,
बड़ी जल्दी ही आज़ादी के हर  मायने बदल गए

स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान पर करते है शियासत,
भारत के वीर सपूतों के बलिदान पर, ख्यालात बदल गए

पत्थरबाजी करते है खुद, वतन के रक्षकों पर
अब तो आज़ादी के चाहने वालों के हाल बदल गए,

देश रहकर भी करते है गैर मुल्क की वकालत,
बस ऐसे गद्दारों के कारण ही देश मे हालात बदल गए


नजर आते है शहर में हर तरफ तिरंगे एक रोज जरूर,
क्या खूब!   देशप्रेमियों के जज्बात बदल गए
#जय_हिंद
#सुनिधि

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