#pradyumnwantsJustice
बचपन को जाना भी न था उस मासूम ने अभी,
किसी की बदनियत का शिकार बन गया वो तभी।।
किसी की बदनियत का शिकार बन गया वो तभी।।
फूल सी मुस्कान लेकर जो सबका दिल जीत लेता था,
हर दिल के बगीचे में फूलो सा घर कर लेता था।।
हर दिल के बगीचे में फूलो सा घर कर लेता था।।
उसी मासूम की खामोशी ने कलेजा छलनी कर दिया,
क्यों एक दरिंदे ने उसके जीवन का दीपक बुझा दिया।।
क्यों एक दरिंदे ने उसके जीवन का दीपक बुझा दिया।।
उस मासूम की आत्मा को भी शांति तब मिलेगी,
जब उसके कातिल की जिंदगी सरेआम जलेगी।।
जब उसके कातिल की जिंदगी सरेआम जलेगी।।
उस माँ की आँखों की नमीं शायद तब ही जाएगी,
अदालत जब उस कातिल को मौत की सज़ा सुनाएगी।।
अदालत जब उस कातिल को मौत की सज़ा सुनाएगी।।
इंसाफ ऐसा हो कि गुनहगार की रूह काँप जाए,
शायद! तब ही हमारे बच्चों को कानून पर यक़ी आए।।
शायद! तब ही हमारे बच्चों को कानून पर यक़ी आए।।
#सुनिधि
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